Sunday, November 21, 2010

Eid

ईद की रात ...
घर आपका सलोना था , टीम टीम तारों का डेरा था ,
खूबसूरती हर चीज मैं झलकी थी , क्योंकि उसे आपने प्यार से सवारा था


ईद की रात ...
मेहमान तशरीफ़ लाते गए , घर का घरोंदा बनाते गए
खुन्शियोंकी कड़ियाँ जुड़ती गयी , और हम सब एक माला बन गये

ईद की रात ...
खेल की शातिर दारिने बड़ों को भी बच्चा बना दिया
लड़ कर रोना , रोकर हान्स पड़ना
हम सबको गुदगुदाता गया

ईद की रात ...
खाने की रौनक जब छा गयी , थाली अपने शृंगार से ही जल पड़ी
मन ने अंत टक डकार न मारी , पर पेट की उसको भी मनानी पड़ी

ईद की रात ख्वाइश हैं...
आप सब हमेशा खुश रहो, प्यार की वर्षा करते रहो
अल्ला दे आपको बरकत , हमारी तरफ से अप्पको ईद मुबारक...

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